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वो जिंदगी किस काम की ? (The purpose of this life?)

पल भर में जो बदल जाए वो दोस्ती किस काम की,
किसी के काम ना आए तो यह जिंदगी किस काम की,
हजार मित्र बनाएं मगर एक को भी ना पहचान पाए,
ऐसी मित्रता  किस काम की,
किसी के काम ना आए तो यह जिंदगी किस काम की ।।


दुख में जो साथ ना निभाए वो हमसफ़र किस काम का,
रास्ते में जो अकेला छोड़ जाए वो साथी किस काम का,
अपनों को अपने ही ना पहचान पाए ऐसा परिवार किस काम का,
किसी के काम ना आए तो यह जिंदगी किस काम की ।।

जिस भक्ति में आस्था ना हो वो भक्ति किस काम की,
जिस प्रेम में विश्वास ना हो वो प्रेम किस काम का,
जिस परिवार में एकता ना हो वो परिवार किस काम का,
जिस प्यार में फिक्र व निर्मलता ना हो वह प्यार किस काम का,
किसी के काम ना आए तो यह जिंदगी किस काम की ।।

ऊंचाइयों को छू कर अपनों को भूल जाओ ऐसी सफलता किस काम की,
पैसों के लिए प्रेम और परिवार को त्याग दो तो वो पैसे किस काम के,
कुछ कार्य करके तुम फिर उसका एहसास जताओ,
तो ऐसे कर्म का फल किस काम का,
जिंदगी में कितने ही बड़े और अमीर क्यों ना बन जाओ,
अगर................

किसी के काम ना आए तो यह जिंदगी किस काम की ।।

Comments

  1. Really good Ravina u are great writing

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