
जो टूट के भी निखर गया वो तो सच में लाजवाब है।।
कली से जो फूल बन गया वो तो गुलाब है,
पर फूल बन कर भी जो चारों दिशाओं मैं खिल गया,
वो कमल तो सच में लाजवाब है।।
जिनकी सुगंध चारों ओर फैल गई वो तो गुलाब है,
पर जिसकी महक से चारों ओर चहक फैल गई ,
वो कमल तो सच में लाजवाब है।।
जो कांटो के बीच भी मैं भी खिल गया वो तो गुलाब है,
पर जिसने कीचड़ में भी अपनी रौनक दिखा दी,
वो कमल तो सच में लाजवाब है।।
जो प्रेम की निशानी बन गया वो तो गुलाब है,
पर जो देशभक्तों की निशानी बन गया,
वो राष्ट्रीय फूल कमल तो लाजवाब है।।
वो कमल तो सच में लाजवाब है
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