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कफ़न(Martyr)

अपने बेटे को देख कफन में लिपटे पिता का सीना गर्व से चौडा होता है,
पर सच कहूं वह पिता अकेले में बैठकर फूट-फूट कर रोता है।

कफन में देख बेटे को मां को अपनी कोख पर गर्व होता है,
पर सच कहूं जब धुंधली आंखों के सामने से जब बेटा ओजल होता है
 तो दिल बहुत रोता है ।

जिसने मांग सजाई उसे तिरंगे में सजा देख खुद पर गर्व होता है,
पर सच कहूं उस मांग को अब उजड़ते देख अब जीने का मन नहीं होता है।

बेटी को खुश देख मां बाप को बड़ा सुकून होता है,
पर बेटी का घर उजड़े देख मां बाप को बड़ा दुख होता है।

भाई की भुजाओं का बल देख भाई को फक्र होता है,
पर सच कहूं बड़े भाई का साथ छूटते देख वह भाई पागल सा होकर रोता है।

पिता को फूलों का हार और तिरंगे के प्यार में सजा देख उस बच्चे का मन बड़ा खुश होता है,
पर जब उसे समझ आया यह तो बस क्षण भर की छाया वह बच्चा हमें बेहोश नजर आया।

मुझे तो इन सब को देख बड़ा गर्व आया,
पर सच कहूं इन के दर्द को देख मुझे भी बहुत रोना आया।

तुम्हारा बलिदान व्यर्थ ना जाएगा,
खून और आंसुओं का हिसाब,
अब हिंदुस्तान खून और आंसुओं से चुकाएगा,
व्यर्थ ना जाएगा तुम्हारा बलिदान।

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