
कहा आज तक मेरे आंसू पोछने वाला कोई नहीं आया,
मुझे कंधे पर आज तक किसी ने नहीं लेटाया,
मेरे सुंदर चेहरे पर किसी ने आज तक काला टीका नहीं लगाया।।
मैंने आज तक किसी मौसम का मजा नहीं उठाया,
क्योंकि मुझे तो केवल उस सुने आसमान में ही सुकून आया,
वहां मुझे अपनापन सा नजर आया,
मुझे आज तक किसी ने काजल टीकी से नहीं सजाया,
ना जाने क्यों यह लम्हा मेरे नसीब में ना आया।।
लोरी का मजा में आज तक ना ले पाई,
किसी चीज के लिए जिद तक नहीं कर पाई,
हमेशा मेरे फटे कपड़ों की सबने हंसी उड़ाई,
सच कहूं मुझे हर मौसम में मेरी मां की याद आई,
हर रात मैंने सूनी सूनी आंसुओं में बिताई।।
पिता ने अपनी पूरी मेहनत मुझ पर लगाई,
हर चीज उसने मुझे दिलाई,
पर फिर भी मुझे हर त्योहार पर
मेरी माँ की याद आई,
उनकी जगह आज तक कोई न ले पाया,
पर जब भी मैंने उन्हें आवाज लगाई,
एक हल्की सी मुस्कुराहट की आवाज कानों तक आई।।
उसकी बातें सुन मेरी आंखें भर आई,
तब जाकर मुझे उसके दर्द की आवाज समझ आई,
बिन माँ के बहुत कठिन होती है,
यह जीवन की लड़ाई ,
यह जिंदगी उसी की है,
उसके बिना अधूरी है हर ख्वाहिश,
आज दुनिया में मुझे हर चीज मिल गई,
पर मां के प्यार और ममता का सौदा,
मैं किसी से भी ना कर पाई,
मुझे हर लमहे में माँ की याद आई।।
II माँ का सच्चा प्यार II
Super se bhi uper
ReplyDeleteThank u so much...
DeleteSuper duper hit lines
ReplyDeleteThank u so much..
DeleteOutstanding
ReplyDelete🌺🌺🌺🌺
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