
तुम्हारे बिन एक पल न रह पाए,
अगले पल में खुद माफी मांग
तुम्हें मनाए तुम्हें अपने गले से लगाए,
वही सच्ची मित्रता कहलाए।।
भूले तुम्हारी हर गलती को,
तुम्हें जो माफ करता जाए,
तुमसे उम्मीद और आशा की किरण भरता जाए,
साथ तुम्हारा जो हमेशा निभाए,
हाथ जो तुम्हारा कभी ना छोड़ जाए,
वह सच्चा मित्र कहलाए।।
तुम्हारे लिए जो खुदा से लड़ जाए,
तुमसे लड़ने का विचार सपने में भी ना लाए,
तुम्हें खोने का डर जिसे हमेशा सताए,
तुम किसी और के साथ होने से जिसे गुस्सा आए,
वह सच्चा मित्र कहलाए।।
तुम्हारी मुसीबत में जो,
सबसे ज्यादा बेचैन हो जाए,
तुम्हारी खुशी में जो होश खो जाए,
मुसीबत में जो साथ निभाए,
तुम्हारी खुशियों में जो नाचे गाए,
वही है तुम्हारा सच्चा साथी,
वही सच्चा मित्र कहलाए।।
दोस्ती के रिश्तों को जो सबसे खास बनाते जाए,
दोस्ती इतनी गहरी हो कि दुश्मन भी सिर झुकाए,
हार जीत कोसों दूर,
वह एक दूसरे की खुशियों के लिए मर मिट जाए,
बिना अपने दोस्तों के जो अधूरा इस संसार को पाए,
वही सच्चा मित्र कहलाए।।
दोस्तों में ही जो संसार को पाते हैं,
खुशी और गम के किस्से जिसे आप बेफिक्र सुनाते है,
तुमसे ज्यादा जो तुम्हारे बारे में जाने,
इसी में तुम्हारी खुशियों का संसार समाए,
जो हर पल तुम्हारा साथ चाहे,
वही सच्चा मित्र कहलाए।।
कुछ लोग कहते है दोस्ती बराबर वालो से करनी चाहिये,
लेकिन हम कहते है दोस्ती में कोई बराबरी नही करनी चाहिये।
लेकिन हम कहते है दोस्ती में कोई बराबरी नही करनी चाहिये।
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