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विजयदशमी - "दशहरा"

विजयदशमी पर तुम सब मिलकर दीप जलाओ,
सब मिलकर असत्य पर सत्य की विजय का
त्योहार मनाओ,
अपनी अपनी बुराइयों का अंत करके
तुम भी सतमार्गअपनाओ,
आओ सब मिलकर दशहरा का त्यौहार मनाओ।।

मिलकर श्री रामचंद्र की जय जयकार लगाओ,
पूजन करो संग मेले में जाओ,
विजयदशमी का त्यौहार सब मिलकर मनाओ,
बुराई का विनाश करके अच्छाई का दीप जलाओ,
अधर्म पर धर्म की विजय का तुम भी जश्न मनाओ,
मिलकर सब दशहरा मनाओ।।

इस पावन दिन ही हुआ दुष्टो का संहार,
मार दिया तीर रावण के आर पार,
इसी दिन किया अंबे मां ने महिषासुर का उद्धार,
गला काट खत्म किया बुराई का प्रहार,
आओ अब हम सब मिलकर,
दूर करें अपने जीवन का अंधकार,
मिलकर सब मनाए दशहरा का त्यौहार।।

हमेशा जीत सत्य की होती और होता असत्य का विनाश,
धर्म जीत जाता हो जाता अधर्म का विनाश,
इतिहास गवाह है,
"रावण,महिषासुर,हरिणाकश्यप,कौरवों का हुआ विनाश"
क्योंकि दिया इन्होंने असत्य और अधर्म का साथ।।

प्रेम पूर्वक पूजन सब करवाओ,
रामलीला भी देखने जाओ,
प्रभु श्री रामचंद्र के गुण भक्ति में लीन हो जाओ,
भक्ति की शक्ति का अंदाजा लगाओ,
सत्य और धर्म का मार्ग अपनाओ,
सत्य और धैर्य की जीत का त्यौहार मनाओ,
श्री रामचंद्र की जय जयकार गाओ,
विजयदशमी का त्यौहार मनाओ।

"श्री रामचंद्र जी की जय"

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