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कोशिश(Impossible)

कभी आशा,
कभी निराशा, 
कभी धूप,
कभी छांव,
हर पल बदलता यहाँ जीवन का ठहराव,
राह में चाहे कितनी भी बाधा आए,
मत छोड़ना कभी 
हिम्मत और कोशिश का भाव।।

आज नहीं तो कल सही,
तेरी कोशिश  जारी रहेगी,
गिरकर उठने का मजा ही कुछ और है,
बार-बार कोशिश करने का मजा ही कुछ और है।।

एक चींटी सौ बार दीवार से नीचे गिरी,
पर हर बार वह मुझे उठ खड़ी मिली,
इस बार वह मुझे पहले से भी दोगुने जोश में दिखी,
ना हार मानी उसने चाहे हजार बार गिरी,
यह सब देख दीवार भी अचंभे में पड़ी,
इतनी-सी चींटी आज मुझ पर भारी पड़ी।।

उस पंछी की कोशिश उसे वहां उठा ले गई,
जहां उसकी नजरें तक ना पहुंची पाई,
वह उम्मीद उसकी उसे उड़ा ले गई,
खुद रास्ता दिखा ले गई,
चलने की कोशिश की उसने रास्ते में,
खुद मंजिल उसका सफर तय करती गई।।

कभी उम्मीदों के पेहराव,
कभी कोशिश के ठहराव,
कुछ खोकर पाने की आशा,
कुछ कर दिखाने की जिज्ञासा,
हर पल उमंग और नई आशा,
असल में यही है-
"जीवन की परिभाषा"

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