आया महाशिवरात्रि का त्यौहार हैं दिखी शिव भक्तो में शिव भक्ति की बौछार हैं पुजन को भस्म तैयार है आए महादेव होके नंदी पर सवार हैं महादेव की लीला अपरमपार हैं करते भक्तों का उद्धार हैं शिवालयों मैं गूजें शिव की जय जय कार हैं। सिर में जटा , जटा मैं गंगा ,गले मैं विशधर नाग विराजे, हाथ मैं डमरू त्रिशूल संग बाजे ,नंदी संग करें सवारी ,सर पर चंद्रमा चंचल मुँख धारी,मुँख मदुल सुदर नैयन माथे त्रिनेत्र शोभित अति प्यारी गले रूद्राक्ष संग माँ सति विराजे शोभा अपरमपार साजे। मनविभोर ,अद्भुत, अलोकिक, अलंकृत जिनका अवतार हैं आदिशक्ति संग विराजे महादेव कैलाश पर गूजें भोलेनाथ की जयजयकार हैं भांग ,धतूरा, बेलपत्रों, अकडो़ से सजा भोले तेरा दरबार हैं भक्त दरशन को आतुर कर रहे तेरा इंतजार है भोले भंडारी करते भक्तों को भवसागर पार हैं। वो दिन दयालु हैं सबसे कुंपालु हैं, त्रिनेत्र धारी ,त्रिलोचन ,त्रिलोकी नाथ सबके रखवाले हैं, देवताओं संग दानव भी करते पूजन जिनका वो देवो के देव महादेव कहलाने वाले हैं, काल भी भयभीत जिनसे वो महाकालेश्वर शिव भक्तों के रखवाले हैं । आओ.मिलकर मस्त मगन हो जाओ शिव भक्ति मैं खो जाओ शिव से साची प...
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